Accident or conspiracy Godhra :बॉलीवुड में हो रही है एक नई फिल्म रिलीज जानिए क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं जनता में

फिल्म की जानकारी
Accident or conspiracy Godhra” 2024 की एक भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है, जो 19 जुलाई 2024 को रिलीज होने वाली है। यह फिल्म ओम त्रिनेत्र फिल्म्स और आर्टवर्स स्टूडियोज के बैनर तले बनी है और एम.के. शिवाक्ष द्वारा निर्देशित है। यह फिल्म 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड की घटनाओं पर आधारित है, जिसने बाद में 2002 के गुजरात दंगों को जन्म दिया था।

Accident or conspiracy Godhra बॉलीवुड में हो रही है एक नई फिल्म रिलीज जानिए क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं जनता में
Accident or conspiracy Godhra बॉलीवुड में हो रही है एक नई फिल्म रिलीज जानिए क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं जनता में

फिल्म का उद्देश्य गोधरा में जो हुआ उसे उजागर करना है। क्या यह एक स्वतःस्फूर्त कृत्य था जहाँ कुछ व्यक्तियों ने उन्माद में ट्रेन में आग लगा दी, या यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी?

Accident or conspiracy Godhra फिल्म की कास्ट

  • रणवीर शौरी – महमूद कुरैशी
  • मनोज जोशी – रवींद्र पंड्या
  • हितु कनोडिया – देशपांडे
  • देनीशा घुमरा – देवकी
  • अक्षिता नामदेव – तुर्शी
  • एम.के. शिवाक्ष – अभिमन्यु
  • गणेश यादव – हामिद बिलाल
  • मकरंद शुक्ला – राजदीप सिंह बघेला
  • राजीव सुरती – श्री राम जी
  • गुलशन पांडे – रवि मोहन
  • भास्कर मण्यम – मनसुख भाई
  • अव्यान अल्पेश मेहता – मन्नू
  • वॉयस ओवर – शरद केलकर

गोधरा कांड के वास्तविक तथ्य

गोधरा कांड 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर हुआ था, जिसमें साबरमती एक्सप्रेस की बोगी संख्या S-6 में आग लग गई थी। इस घटना में 59 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह घटना गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगों का कारण बनी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए।

घटना के बाद, कई प्रमुख समितियों का गठन किया गया था

  • नानावती-मेहता आयोग: इस आयोग का गठन गुजरात सरकार द्वारा 6 मार्च 2002 को किया गया था। इस आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी.टी. नानावती और न्यायमूर्ति अक्षय मेहता थे। इस आयोग ने 2008 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें इसे एक पूर्व नियोजित साजिश करार दिया गया था। आयोग ने कहा कि ट्रेन में आग लगाने की योजना पहले से बनाई गई थी और इसमें कुछ मुस्लिम भीड़ का हाथ था।
  • बनर्जी समिति: इस समिति का गठन केंद्र सरकार द्वारा 2004 में किया गया था। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति यू.सी. बनर्जी थे। बनर्जी समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें इसे एक दुर्घटना करार दिया गया था। समिति ने कहा कि आग लगने का कारण ट्रेन में रखे गए दहनशील पदार्थ थे और यह कोई साजिश नहीं थी।
  • गोधरा न्यायिक आयोग: गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा गठित यह आयोग भी गोधरा कांड की जांच कर चुका है। इस आयोग ने भी नानावती-मेहता आयोग के निष्कर्षों का समर्थन किया था।
  • सीबीआई (CBI) जांच: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी इस मामले की जांच की थी। CBI की रिपोर्ट में भी इसे पूर्व नियोजित साजिश माना गया था और इसने कई अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किए थे।
  • स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT): सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित इस टीम ने भी गोधरा कांड की जांच की थी। SIT की रिपोर्ट में भी इसे पूर्व नियोजित साजिश के रूप में देखा गया था और कई आरोपियों के खिलाफ अभियोग दर्ज किए गए थे।

नानावती-मेहता आयोग और उसकी रिपोर्ट

नानावती-मेहता आयोग

नानावती-मेहता आयोग का गठन गुजरात सरकार द्वारा 6 मार्च 2002 को किया गया था। इसका उद्देश्य गोधरा कांड की जांच करना और सच्चाई को उजागर करना था। न्यायमूर्ति जी.टी. नानावती और न्यायमूर्ति अक्षय मेहता ने इस आयोग की अध्यक्षता की। आयोग ने 2008 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी। आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि ट्रेन में आग लगने की योजना पहले से बनाई गई थी और इसमें कुछ मुस्लिम भीड़ का हाथ था।

बनर्जी समिति और उसकी रिपोर्ट

बनर्जी समिति

बनर्जी समिति का गठन केंद्र सरकार द्वारा 2004 में किया गया था। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति यू.सी. बनर्जी थे। बनर्जी समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें इसे एक दुर्घटना करार दिया गया था। समिति ने कहा कि आग लगने का कारण ट्रेन में रखे गए दहनशील पदार्थ थे और यह कोई साजिश नहीं थी।

अन्य समितियों की रिपोर्ट

  • गोधरा न्यायिक आयोग: गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा गठित इस आयोग ने नानावती-मेहता आयोग के निष्कर्षों का समर्थन किया।
  • CBI जांच: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी इस मामले की जांच की थी और इसे पूर्व नियोजित साजिश माना था।
  • SIT जांच: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने भी इसे पूर्व नियोजित साजिश करार दिया।

फिल्म के नकारात्मक प्रभाव

फिल्म के नकारात्मक प्रभाव
  • संवेदनशील मुद्दा: गोधरा कांड एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है। इस पर आधारित फिल्म से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं, खासकर उन परिवारों की, जिन्होंने इस घटना में अपने प्रियजनों को खोया था।
  • सामाजिक तनाव: फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रम से सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। विभिन्न समुदायों के बीच गलतफहमियां और भेदभाव की भावना उत्पन्न हो सकती है।
  • एकपक्षीय दृष्टिकोण: यदि फिल्म केवल नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट पर आधारित होगी, तो यह एकपक्षीय दृष्टिकोण प्रस्तुत कर सकती है। इससे दर्शकों में गलत धारणाएं उत्पन्न हो सकती हैं और घटना की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं।
  • राजनीतिक विवाद: गोधरा कांड पहले से ही राजनीतिक विवादों का विषय रहा है। इस पर आधारित फिल्म से नए राजनीतिक विवाद पैदा हो सकते हैं, जो देश की स्थिरता के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप: गोधरा कांड से संबंधित मामले अभी भी न्यायालय में विचाराधीन हैं। इस पर आधारित फिल्म न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकती है और न्यायालय के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।

निष्कर्ष
Accident or conspiracy Godhra” एक नई बॉलीवुड फिल्म है, जो 19 जुलाई 2024 को रिलीज होने वाली है। यह फिल्म गोधरा कांड की वास्तविकता पर आधारित है और नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट को प्रस्तुत करती है। हालांकि, इस फिल्म के कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, जो सामाजिक तनाव, भावनात्मक आघात, और राजनीतिक विवादों को जन्म दे सकते हैं। गोधरा कांड एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है और इस पर आधारित फिल्म से समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए, इस फिल्म को देखते समय दर्शकों को संवेदनशीलता और सावधानी बरतनी चाहिए। को संवेदनशीलता और सावधानी बरतनी चाहिए।

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