राहुल गांधी का बयान और हंगामा
सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान ने भारी विवाद पैदा कर दिया। उन्होंने कहा, “हिंदू धर्म डर, नफरत और झूठ फैलाने के बारे में नहीं है। जो खुद को हिंदू कहते हैं, वे दिन-रात हिंसा और नफरत में लगे रहते हैं।” इस बयान पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया।
प्रधानमंत्री मोदी का विरोध (rahul gandhi vs narendra modi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार राहुल गांधी के बयान का विरोध करते हुए कहा, “पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मुद्दा है।” इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी और मोदी पूरे हिंदू समाज नहीं हैं। नरेंद्र मोदी पूरे हिंदू समाज नहीं हैं। बीजेपी पूरे हिंदू समाज नहीं है, आरएसएस पूरे समाज नहीं है, यह बीजेपी का ठेका नहीं है।”
राहुल गांधी का बीजेपी पर हमला
बीजेपी पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने बार-बार कहा, “डराओ मत।” उन्होंने कहा कि सच्चा हिंदू धर्म, जैसे कि भगवान शिव का उदाहरण है, कभी डर या नफरत नहीं फैला सकता, लेकिन बीजेपी 24×7 डर और नफरत फैलाती है। उन्होंने बीजेपी पर अल्पसंख्यकों को धमकाने और मुसलमानों, सिखों, और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। गांधी ने जोर देकर कहा कि सभी धर्म साहस की बात करते हैं और उन्होंने इस्लाम, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म का हवाला दिया ताकि निर्भीकता के महत्व को रेखांकित किया जा सके।
गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष के नेता पर हमला करते हुए कहा कि करोड़ों लोग हिंदू होने पर गर्व करते हैं, क्या राहुल गांधी सोचते हैं कि वे सभी हिंसक हैं। शाह ने इमरजेंसी और 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी को अहिंसा की बात करने का कोई अधिकार नहीं है और उनके इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी की सरकार पर आलोचना
सत्तापक्ष के हमलों से बेपरवाह राहुल गांधी ने अपनी सरकार पर आलोचना जारी रखी और अग्निवीर योजना, मणिपुर की स्थिति, किसानों के आंदोलन, नोटबंदी और नीट मुद्दे पर बात की।
लोकसभा में अपने भाषण के दौरान, राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना पर कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। यहाँ उनके द्वारा उठाए गए मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
अग्निवीर योजना की आलोचना:
“यूज़-एंड-थ्रो लेबर”:
गांधी ने अग्निवीर योजना को “यूज़-एंड-थ्रो लेबर” कहा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह योजना युवा भर्तीों को दीर्घकालिक योगदानकर्ता के बजाय अस्थायी श्रमिकों के रूप में देखती है।
उन्होंने सरकार की आलोचना की कि वे शहीद हुए अग्निवीरों को शहीद के रूप में मान्यता नहीं देते हैं, और तर्क दिया कि उन्हें वह सम्मान और पहचान नहीं मिलती जो उन्हें मिलनी चाहिए।
मुआवजा और समर्थन:
अपर्याप्त मुआवजा:गांधी ने दावा किया कि अग्निवीरों को दी जाने वाली मुआवजा और समर्थन अपर्याप्त है। उन्होंने एक अग्निवीर का उदाहरण दिया, जो एक लैंडमाइन विस्फोट में मारा गया था, लेकिन उसे शहीद नहीं कहा गया।
युवाओं और सैन्य तत्परता पर प्रभाव:
युवाओं का मनोबल गिराना:गांधी ने तर्क दिया कि अग्निवीर योजना युवाओं का मनोबल गिराती है और सशस्त्र बलों की प्रभावशीलता को कम करती है। उन्होंने कहा कि इस योजना की अल्पकालिक प्रकृति सैनिकों को पर्याप्त प्रशिक्षण और स्थिरता प्रदान नहीं करती है, जिससे वे चीन जैसे तैयार प्रतिद्वंद्वियों का सामना करने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार नहीं होते।
योजना को खत्म करने का वादा:
योजना को रद्द करने का वादा:राहुल गांधी ने घोषणा की कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, तो वे अग्निवीर योजना को समाप्त कर देंगे। उनका मानना है कि यह योजना सशस्त्र बलों और देशभक्तों के हितों के खिलाफ है।
रक्षा मंत्री का जवाब:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया:रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गांधी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि अग्निवीरों को मृत्यु के मामलों में 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलता है, और यह योजना भर्तीों को पर्याप्त समर्थन प्रदान करती है।