Bihar Assembly’s Floor Test:राजनीतिक दायित्व में बढ़त के साथ नीतीश कुमार की जीत

बिहार विधानसभा में “फ्लोर टेस्ट” द्वारा राजनीतिक नया परिवर्तन

बिहार विधानसभा में हुई “फ्लोर टेस्ट” ने राजनीतिक समीक्षा में एक नया परिवर्तन लाया है। नीतीश कुमार, जो बिहार के मुख्यमंत्री हैं, ने 129 वोटों से भरोसा मत जीता। वोटिंग से पहले, आरजेडी द्वारा नेतृत्वित विपक्ष विधानसभा से बाहर चले गए। कम से कम पांच आरजेडी विधायक नीतीश कुमार के पक्ष में वोट डालकर उनकी समर्थन की।

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Bihar Assembly’s Floor Test

नीतीश कुमार की इस जीत ने उनकी राजनीतिक दायित्व और स्थिरता की प्रतिष्ठा को और बढ़ा दिया है। इस घटना ने बिहार की राजनीतिक स्थिति में भी एक नया अध्याय खोला है।

28 जनवरी को, नीतीश कुमार ने भारतीय राष्ट्रीय दल के साथ तोड़मरोड़ की और एनडीए में वापस लौटे। वर्तमान में, बीजेपी के पास 77 विधायक हैं, जबकि जेडीयू के पास 44 हैं। जितन राम मंझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हैएएम) के चार विधायक भी इस सरकार का हिस्सा हैं।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास का सफर शुरू हो गया है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 2005 में, जब उन्होंने सत्ता में आए थे, तो बिहार में काफी विकास हुआ। उन्होंने बताया कि उस समय के पहले, तेजस्वी यादव के पिता और मां को 15 साल का समय बिहार की सेवा करने का मौका मिला था, लेकिन उनके शासन काल में बिहार की स्थिति काफी अधिक बिगड़ी थी।

नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में अपने पूर्व उपाध्यक्ष तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला और उन्हें उनके पिता लालू प्रसाद और मां रबरी देव की शासन काल की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि उनके शासन काल में बिहार में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ और विकास का सफर शुरू हुआ।

Bihar Assembly’s Floor Test :भाजपा कार्यालय में महिला मोर्चा की उत्साहजनक जश्नात्मक वातावरण

बिहार के नागरिक और राजनीतिक दल अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार के काम की प्रत्याशा कर रहे हैं। उनकी इस जीत ने भारतीय राजनीति को भी नई दिशा दी है और बिहार के विकास में एक नया अध्याय लिखा है।
बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को स्पष्ट तौर पर बहुमत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में जमकर जश्न मना। महिला मोर्चा की नेत्रियों और कार्यकर्ताओं ने अबीर-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को बधाई दी और ढोल-नगाड़े बजाकर जीत का जश्न मनाया। महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष को राज्यसभा की उम्मीदवारी मिलने के कारण भी खुशी थी। इन सब घटनाओं के बावजूद, बहुमत हासिल करने में की जा रही आशंकाओं के कारण यह सब रुका हुआ था।

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